40.43 करोड़ रुपए खर्च कर स्वर्ण रेखा का स्वरूप निखारा जाएगा। इस काम में नीदरलैंड से तकनीकी सहयोग मिलेगा। इसके तहत हनुमान बांध से कमानी पुल तक 6 किलोमीटर क्षेत्र में स्वर्ण रेखा की तली में बिछी सीवर लाइन के पानी का ट्रीटमेंट कर उपयोगी बनाया जाएगा। आस-पास लैंडस्केपिंग के साथ पार्क विकसित किए जाएंगे।
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