
जवाहर लाल नेहरू ने आइडिया दिया था कि नव-स्वतंत्र राष्ट्र का आधार वैज्ञानिक दृष्टिकोण होगा। उनके आसपास सर सीवी रमन से लेकर होमी जहांगीर भाभा, एसएस भटनागर, सत्येन बोस जैसे वैज्ञानिक थे। ये उनके दोस्तों की तरह थे। दूसरी तरफ निराला, रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी, दिनकर जैसे साहित्यकार थे। यह नेहरू की कंपनी थी। एनडीए-1 में अटल बिहारी वाजपेयी के चारों तरफ वैज्ञानिक न सही, साहित्यकार तो थे ही। लेकिन, अब जो लीडरशिप आई उनमें नरेंद्र मोदी से लेकर उनके जितने भी साथी हैं, वे किन लोगों की सोहबत में रहे यह देखने की जरूरत है। ये लोग बाबाओं की सोहबत में रहे। उनसे ये प्रेरणा लेते रहे।
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