
पिछले माह जब प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ तो सरकार के सामने मंदिर माफी की जमीन का इंडस्ट्री में कन्वर्जन का मामला पहुंचा। नियम खंगाले गए। सचिवालय से लेकर जिला प्रशासन तक कई बैठकें हुईं। एक आईएएस पिछले दिनों करौली पहुंचकर इस सिलसिले में मीटिंग भी कर आए, लेकिन समझ में नहीं आ रहा कि किस नियम के तहत इसे उद्योग के लिए कन्वर्ट कराया जाए। इसको लेकर देवस्थान विभाग से लेकर विधि विभाग तक के अधिकारी मंथन करने में जुटे हुए हैं।
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