
क्राइम रिपोर्टर | पटना पटना व नालंदा समेत कई जिलों में शौचालय निर्माण में हुए घोटाले की जांच ईडी ने शुरू कर दी है। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। ईडी अब घाेटाले से जुड़े आरोपियों को नाेटिस भेजकर पूछताछ करेगी। यही नहीं, पीएचईडी के अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी। साथ ही जिन-जिन एनजीओ का नाम घोटालों में आया है, उनके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष व अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर जांच-पड़ताल की जाएगी। ईडी में इंफोर्समेंट केस इंवेस्टिेगेशन रिपोर्ट यानी ईसीआईआर दर्ज होने के बाद घोटालेबाजों में हड़कंप मचा है। सूत्रों के अनुसार पटना, नालंदा के अलावा अन्य जिलों में हुए घोटाले की जांच ईडी ने शुरू कर दी है। पटना में 14.37 करोड़ का घोटाला पटना में भी शौचालय निर्माण में 14.37 करोड़ का घोटाला हुआ था। इस मामले में गठित पटना पुलिस की एसआईटी ने करीब 30 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार होने वालों में पीएचईडी कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा, कैशियर बिटेश्वर सिंह, गांधी मैदान एसबीआई के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर एसके झा के अलावा एनजीओ मां सर्वेशरी सेवा संस्थान, आदि सेवा शक्ति संस्थान समेत छह एनजीओ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष के साथ ही पीएचईडी के क्लर्क राजेश कुमार, डेटा ऑपरेटर तारकेश्वर कुमार, तारकेश्वर का बाप के अलावा एक दर्जन ब्लॉक को-आर्डिनेटरों को गिरफ्तार किया गया था। तत्कालीन डीएम संजय अग्रवाल के आदेश पर पिछले साल नवंबर में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता नित्यानंद ने गांधी मैदान में केस दर्ज कराया था। मामला दर्ज होने के बाद एसएसपी ने तत्कालीन टाउन डीएसपी एसए हाशमी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई थी।
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