1936 के ओलंपिक खेल शुरू होने से पहले एक अभ्यास मैच में भारतीय टीम जर्मनी से 4-1 से हार गई। मेजर ध्यानचंद ने अपनी आत्मकथा ‘गोल’ में इस हार का जिक्र करते हुए लिखा है कि ‘जब तक मैं जीवित रहूंगा। इस हार को कभी नहीं भूलूंगा।
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Saturday, August 14, 2021
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» हिटलर के शहर में हॉकी का जादूगर: आज ही के दिन बर्लिन ओलंपिक में भारत ने जर्मनी को 8-1 से रौंदा था
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