
दीघलबैंक में दोनों देशों की चौकी पार किये बिना आवाजाही के दो-दर्जन से अधिक रास्ते हैं। लोगों के खेत इधर भी हैं और उधर भी। टेढ़ागाछ प्रखंड के कंचनबाड़ी और चिचौरा के सीमावर्ती इलाके में कनकई नदी की दो धार को पार कर जाना होता है। यह दुरूह इलाका अवैध कारोबार की सर्वाधिक मुफीद जगह है। आगे फुलवरिया में रेतुआ नदी दोनों देशों के बीच सीमा रचती है। सिकटी में तो पता ही नहीं चलता कि बार्डर कहां गुम हो गया।
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