इसकी सूचना एसएसपी को मिली तो वह खुद मामले की पड़ताल करने चाकन्द थाने पहुंच गए। थानाध्यक्ष के ठिकाने पर छापेमारी की गई तो एक लाख सोलह हजार की रिश्वत की राशि बरामद हुई। हालांकि बाद में कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के वक्त थानेदार डीएसपी कार्यालय से फरार हो गया। उस समय वह इंस्पेक्टर की अभिरक्षा में था।
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