
आयरलैंड में पहली बार महिलाओं को गर्भपात कराने का अधिकार मिला है। 35 साल पहले बने कानून में यहां अबॉर्शन यानी गर्भपात को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था। अब देश के 30 लाख लोगों ने जनमत संग्रह में वोट करके इस कानून को बदलने की राय जाहिर कर दी है। भले ही नतीजा अब आया है, लेकिन महिलाओं के हक की ये लड़ाई 6 बरस से चल रही थी। इस पूरे कैंपेन का चेहरा भारतीय मूल की महिला सविता हलप्पनवार थीं। ये कानून बदलने में एक और भारतीय मूल के व्यक्ति का योगदान रहा। आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वाराडकर। लियो ने इस पर जनमत संग्रह कराने में अहम भूमिका निभाई।
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