
हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत बनाने के लिए पहले वर्तमान भारत को वास्तव में भारत बनाए जाने की आवश्यकता है। भारत के राष्ट्रीय जीवन में भारतीय जीवन मूल्य और सिद्धांतों की बहाली और भारतीय जनमानस के प्रति गौरव का भाव निर्माण किए बिना ना तो अखंड भारत का सपना साकार हो सकेगा और ना ही भारत परम वैभव को प्राप्त कर सकेगा। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में पांडुलिपि संरक्षण संसाधन केंद्र, हरियाणा ग्रंथ अकादमी और हरियाणा संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
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