
एनएच-80 पर बने पुल-पुलिया जर्जर हो चुके हैं। अकेले सबौर से कहलगांव के बीच पांच जर्जर पुल हैं। इन पुलों की जगह नए पुलों के निर्माण के लिए योजना भी बनी। करीब डेढ़ करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया गया। उसकी स्वीकृति के लिए प्रस्ताव पथ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया, लेकिन इसी बीच में एनएच एनएचएआई के हवाले हो गया। इसलिए अब उन पुलों के निर्माण पर तत्काल ग्रहण लग गया है। कारण यह है कि एनएचएआई को जिला में दफ्तर खोलने से लेकर काम शुरू करने में कम से कम छह माह लगने की संभावना है।
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